केंद्र सरकार द्वारा अनुछेद ३७० समाप्त तैरने का फैसला राष्ट्रहित में महत्वपूर्ण कदम है | इसे किसी भी तरह गलत ठहराए जाने के प्रयास सर्वथा निंदनीय हैं| क्योंकि केंद्र द्वारा पर्याप्त धनराशि उपलब्ध करवाए जाने पर भी जम्मू और कश्मीर का अपेछित विकास संभव नहीं हो पा रहा था| जिस कारण एक लोकप्रिय सरकार होने के नाते केंद्र सरकार की जिम्मेदारी थी की जे एंड के को भी विकास की मुख्य धारा में लाया जाए|जम्मू कश्मीर की पंचायत के पास अधिकार सिमित थे सुचना का अधिकार कानून लागू न होने के कारण जनता अपने अधिकारों से वंचित थी| यह सर्वविदित है की अनुछेद ३७० ने कश्मीर की समस्याओ का समाधान करने के बजाये बढ़ाया ही है|जनसंघ की स्थापना के मूल में एक देश, एक निशान और एक प्रधान का संकल्प लेकर आगे बढे थे जिस और हमने अपना पहला कदम बढ़ा दिया है और इस कृत्य के लिए हम भारत वर्ष की जनता भारत की सरकार का आभार प्रकट करते हैं|और इनके इस साहस पूर्ण कदम की प्रशंसा करते हैं|
Author:
Dr. Akhilesh Kumar Pandey, Associate Professor, UWSL
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